गुज़रा ज़माना .....

नबील द्वारा लिखित ...गुज़रा ज़माना

गुज़रे हुए लम्हों को याद करते हुए,
कागज़ पर नज़र यूं ही टिके हुए,
न हम कुछ और सॊच पाए,
न हमसे कुच और लिख पाया ॥

© Deepa
Dec 15, 2007
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1 comments:

rakee said...
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